अगस्त 1935 की ‘सरस्वती’ में हिन्दू महासभा के भाई परमानंद ने स्वराज्य की एक मजेदार अवधारणा प्रस्तुत की थी। उनके अनुसार धर्म और राष्ट्र का अविभ…
मिथ और इतिहास में फर्क न करने वाला राज्य हमेशा आस्था को विवेक पर तरजीह देगा ~ विभूति नारायण राय कबिरा हम सबकी कहैं विवेक और तर्क का…
हाल की घटनाओं पर जाने-माने ग़ज़लकार आलोक श्रीवास्तव की नई नज़्म ये टोपी और तिलक-धारी ~ आलोक श्रीवास्तव टोपी, कुर्ता, छोटा जामा हर रोज…
बड़े महीन धागों से बुनी है चर्चित लेखिका कविता ने यह #कहानी 'नदी जो अब भी बहती है'... भावनाएं बहुत कोमल हैं और इसलिए गुज़ारिश करूँगा कि ज़रा …
रघुवीर सहाय - विनोद भारदवाज संस्मरणनामा लेखकों, कलाकारों, पत्रकारों, फिल्मकारों की दुर्लभ स्मृतियाँ संस्मरण 14 कवि, उपन्यासकार,…
वंदना ग्रोवर की कवितायें 1 . मैं क्यों दिन भर सोचती रहूँ क्यों मैं रात भर जागती रहूँ मैं क्यों थरथरा जाऊं आहट से क्यों मैं सहम जाऊं दस…
कल मैं कवि सूरदास से मिला 17 दिसंबर, 2013 छत्तीसगढ़ साहित्य की शान जयप्रकाश मानस की डायरी के पन्नों से रूबरू हों. जयप्रकाश मानस ज…
देश में बह रही है बदलाव की बयार ~ राहुल देव जिधर देखिए, मंजर महीनों में बदल रहा है। पहले दशक, साल लग जाते थे। पिछली पीढियां बीस-पच्चीस-…