अगर आप नए लेखकों, नए विषयों, नई भाषाओँ, नए देश, नए साहित्य की तलाश में हैं, तो जयपुर बुकमार्क 2016 आपके लिए बिलकुल सही जगह है - नीता गु…
कॅरिअर, गर्ल-फ्रैंड और विद्रोह - अनुज पहले पढ़िए अनुज क्या कहते हैं इस कहानी के दस साल होने पर ... आज मेरे साहित्यिक जीवन के दस वर्ष प…
रवीन्द्र कालिया, शुद्धतावाद के विशुद्ध विरोधी - अशोक चक्रधर दायें से रवींद्र कालिया, ममता कालिया, चित्रा मुद्गल, मधु गोस्वामी और अशोक …
नए घोड़ों पर किस तरह दाव लगाया जाता है, अगर किसी को सीखना हो तो वह कालिया जी से सीखे -अनुज जिस तरह गुलेरीजी की कहानी ' उसने कहा…
रवीन्द्र कालिया का जाना एक अपूर्णीय क्षति है, क्योंकि वो ऐसे लेखक थे जिन्होंने 'ख़ुदा सही सलामत' जैसा उपन्यास दिया, जबकि उनके समक…
सुनहरे स्पर्श वाले कथाकार संपादक - राजेंद्र राव स्मृति शेष बीसवीं सदी के आखिरी दशक में जब ऎसा लगने लगा कि अब हिंदी की साहित्यिक …
आज हिन्दूवादी संगठनों के पास जितनी ताकत है उतनी बाबरी मस्जिद तोड़ते समय भी नहीं थी। यदि राम मंदिर सरलता से बन जाता है। दंगे नहीं होते तो…
रवीन्द्र कालिया...बेहद ज़िन्दादिल, यारबाश, मजाकिया इंसान - अशोक वाजपेयी रवीन्द्र कालिया बहुत पुराने मित्र थे। बेहद ज़िन्दादिल, यारबाश…