बाजार को सही पकड़े हैं... ~ अनंत विजय हिंदी के साहित्यकारों के लिए अब तक बाजार एक अछूत की तरह था गोस्वामी तुलसीदास ने रामचरित मा…
कहीं ऐसा तो नहीं कि युवा कहकर युवाओं से जुड़ने की जुगत में लेखक खुद को या आयोजक लेखक को या आलोचक लेखक को युवा घोषित कर देता है ? ~ अनंत विजय …
साहित्य स्पांटेनियटि का गेम है स्पांसरशिप का नहीं - राजेन्द्र यादव आज अगर समकालीन हिंदी साहित्य के परिदृश्य में एक अजीब तरह का ठंडापन और वै…
अनंत विजय - आज याकूब की फांसी की सजा पर छाती कूटनेवालों को उन परिवारों के दर्द का एहसास नहीं है जो 1993 के बम धमाकों में मारे गए थे... …
साहित्य के चोर-उचक्के -अनंत विजय हाल के दिनों में लेखकों की एक ऐसी पीढ़ी सामने आई है जो साहित्य को सीढ़ी बनाकर प्रसिद्धि हासिल करना चाह…
आलोचकों की दृष्टि वहां तक नहीं पहुंच पाती जहां तक रचनाकारों की दृष्टि पहुंचती है - अनंत विजय यह वक्त आलोचना और आलोचकों के लिए गंभीर मंथन का है …
विचारिए साहित्यकार का अकेलापन अनंत विजय राजेन्द्र यादव की पहली पुण्य तिथि पर हुए आयोजन में तीस पैंतीस लोगों का जुटना वरिष्ठ लेखकों के प्रति …
अगर हम साहित्य अकादमी के क्रियाकलापों पर नजर डालें तो यह देखकर तकलीफ होती है कि वहां किस तरह से स्वायत्ता के नाम पर प्रतिभाहीनता को बढ़ावा दिया जा …
टेलीविजन पत्रकारों ने खबरों को समझना बंद कर दिया है - शैलेश (न्यूज नेशन) मीडिया की भाषा- खतरे और चुनौतियां के साहित्य अकादमी, नई दिल्ली के …
राजेंद्र यादव के जाने से साहित्य जगत में जो सन्नाटा पसरा है वह हाल फिलहाल में टूटता नजर नहीं आ रहा है - हमारे समय का कबीर - अनंत विजय …
अनंत बौद्धिकता के मूर्ति को सलाम अनंत विजय यू आर अनंतमूर्ति ज्वाजल्यमान बौद्धिक व्यक्तित्व थे, जिनकी राजनीति में गहरी रुचि थी और हमेशा दूसरों…
वचन सुनत नामवर मुसकाना अनंत विजय नामवर सिंह का विरोध करनेवालों को यह भी सोचना चाहिए कि …
हमारे देश में अपनी विरासत को संभालने के लिए गंभीर उद्यम क्यों नहीं होता है । मानव संसाधन विकास मंत्रालय का छियासठ हजार करोड़ से ज्यादा का बजट है …
कई ऐसी एजेंसियां भी मैदान में आ गई हैं जो अपना सर्वे मुफ्त में न्यूज चैनलों के मुहैया करवाती हैं और उनकी एकमात्र शर्त होती है कि उनके नतीजों को बगै…