ना वे रथवान रहे, ना वे बूढ़े प्रहरी, कहती टूटी दीवट, सुन री …
तू न जिया न मरा, ज्यों कांटे पर मछली, प्राणों में दर्द पिरा. * सहजन की…
जल ही जल नहीं रहा, आग नहीं आग. सूरत बदले चेहरे, सीरत बदला …
बदले मन के प्रसंग बदली बोली-बानी! * टूटा फूटा मजार खँडहर-सा …
मितवा मन पाखी बेचैन. प्रान-पिरावा अगिन जरावा , सुखदुख ये संसार छलावा , पल-छिन आवा …
ऋण को ऋण से भरते मूंज हुए केश, अपनी तक़दीर रहन उनके आदेश. ग़ुरबत की हथकड़ियाँ\ बच…
दीरघ दाग़ निदाघ नाहिं बिरछ की छाँव राम जी अम्बर अगिन झरे ! * घर से निकसे जीव-जहानी, आग …
नाहिन चाहिबे नाहिन रहिबे हंसा व्है उड़ि जइबे रे ! * काया-माया खेल रचाया आपु अकेला जग में आया भीतर रोया ब…