अब जो प्रस्तुत है उसका आधार है जैसा मैने जाना के अलावा जैसा राजेन्द्र जी ने जहां तहां लिखा और उसे जैसा मैने पढ़ा। – अर्चना वर्मा आत्मकथ्य सिर्फ अप…
गुरिंदर आज़ाद कवि और दलित एक्टिविस्ट हैं। उनके लेखे डाकुमेंट्री फ़िल्म निर्माण, पत्रकारिता, सामाजिक विषय लेखन जैसे अन्य काम भी हैं। बठिंडा में एक …
कुछ इधर से कुछ उधर से आ गए पत्थर कई घर को खाली देख कर बरसा गये पत्थर कई दो जमातों में हुआ कुछ ज़ोर से ऐसा फसाद देखते ही देखते टकर…
ग़ालिब छुटी शराब, शेखर - एक जीवनी, गुनाहों का देवता, राग दरबारी और जॉनाथन लिविंग स्टोन सीगल में क्या चीज़ कॉमन है ? ये उन पुस्तकों के नाम हैं - जिन्ह…
एक विचार के रूप में हमारे साथ सदा रहेंगे राजेन्द्र यादव अजित राय ठीक रात के बारह बजे जब तारीख बदलती है, जब 28 अक्टूबर 2013 की जगह चुपके से 29 अ…
दलित साहित्य के अहम हस्ताक्षर ओमप्रकाश वाल्मीकि के निधन पर रमणिका फाउंडेशन, जनवादी लेखक संघ और दलित लेखक संघ के संयुक्त तत्वावधान में रमणिका फाउंडे…
एक सफल कहानी से शुरआत करने पर महेन्द्र को हार्दिक बधाई, महेंद्र को इस कहानी के नया ज्ञानोदय में प्रकाशित होने की भी बधाई... अच्छा होता कि कहानी कु…
रवीश कुमार आपको 'गणेश शंकर विद्यार्थी पुरस्कार' मिलने पर शब्दांकन की तरफ से अनंत शुभकामनायें और बधाई ! पत्रकार, राष्ट्र प्रेमी और शहीद …
30 कवियों की प्रतिनिधि कविताओं का संग्रह "गुलमोहर" सान्निध्य : लीलाधर मंडलोई, वरिष्ठ कवि सुमन केशरी, वरिष्ठ कवयित्री लक्…
सूफ़ी संत सचिन - रवीश सुबह से ही सचिन ऐसे खेल रहे थे जैसे वे गुज़िश्ता चौबीस साल के एक एक लम्हे को फिर से जी लेना चाहते हों । जैसे विदाई के वक…
घूरना - आँचल ऋचा आज बहुत जल्दी में थी... घर से निकलने में ही उसे देर हो गयी थी और ऊपर से सुबह-सुबह मेट्रो की भीड़ लेडीज कोच तक पहुँचने में २…
अवसान एक युग पुरुष का अशोक मिश्र सुबह की पौ फूटते ही जैसे ही मोबाइल फोन को उठाया वैसे ही स्क्रीन पर कई मिस्ड काल और इनबाक्स में मैसेज दिखे। पह…