राकेश कुमार सिंह की कविता "पत्थर भी पहचान लिया करती थी" ऐ समन्दर, सुनो, एक बात सुनो सोच रहा हूं बहुत लिपटे हैं तुमसे मैं भी लिपट …
साहित्य मंच पर तिनका तिनका तिहाड़ फरवरी 20, 2014, तिनका तिनका तिहाड़ की गूंज आज प्रगति मैदान में खूब सुनाई दी। अवसर था - ऩई दिल्ली विश्व पुस्तक …
कोलकाता में रहने वाले विमलेश त्रिपाठी , परमाणु ऊर्जा विभाग के एक यूनिट में सहायक निदेशक (राजभाषा) के पद पर कार्यरत हैं। इनका जन्म बक्सर, बिहार के ए…
१३ जून १९३७ को वजीराबाद में जन्में, श्री प्राण शर्मा ब्रिटेन मे बसे भारतीय मूल के हिंदी लेखक है। दिल्ली विश्वविद्यालय से एम ए बी एड प्राण शर्मा क…
गांव का खत: शहर के नाम उस दिन डाकिया बारिश में ले आया था तुम्हारी प्यारी चिट्ठी उसमें गांव की सुगन्ध मेरे और तुम्हारे हाथों की गर्माहट से…
चौबे जी ने आव देखा ना ताव- रख कर दिया एक थप्पड़ सीधे दाहिने गाल पर। अब तो माहौल बिल्कुल ही बदल गया। वेब टीम का रिपोर्टर एक सेकंड के लिए तो सन्न रह…
चुनाव तो हो चुका है रवीश की रपट लोगों के बीच घूमने से पता चलता है कि हवा का रुख़ क्या है । अब लगभग यह स्थापित होता जा रहा है कि नरेंद्र मोदी क…
जब वे दुनिया से विदा हुईं तो खिलाड़ी बाबू वर्ल्ड टूर थे। आ नहीं पाए। जब छुट्टी में आए तो उनका दहाड़ मार कर रोना गांव कई दिन तक याद करता रहा। दुलार…
उन लोगों ने अपने टाइटैनिक का कितना ढिंढोरा पीटा और एक हम हैं...” शनिवार 8 फरवरी की शाम, दिल्ली के प्रसिद्ध कला केन्द्र अक्षरा थिएटर में लेखक रामू र…
सरदार खुशवंत डैड, और आगे छोटे अक्षरों में प्रकाशित होगा : गत शाम 6 बजे सरदार खुशवंत सिंह की अचानक मृत्यु की घोषणा करते हुए अफसोस हो रहा है। वह अपने…