अमेरिकन पेट्रोमैक्स – नबारुण भट्टाचार्या कोने से दिख रहा है, फ़्लाईओवर के उपर से तरह-तरह के मॉडल और साईज़ की गाड़ियाँ जा रही हैं, जि…
'वर्तमान साहित्य' अप्रैल, 2015 साहित्य, कला और सोच की पत्रिका सदस्यता प्रपत्र डाउनलोड करें वर्ष 32 अंक 4 अप्रैल, 2015 …
मुझे इस उपन्यास के शिल्प ने मुख्य रूप से आकर्षित किया शिल्प का बहुत सधा हुआ इस्तेमाल किया है दूरदर्शन के कार्यक्रम सुबह सवेरे में प्रो०…
कितने वादे थे ? सरकार... : विभूति नारायण राय एक दृश्य याद कीजिये — साल भर पहले एक आदमी कश्मीर से कन्याकुमारी और अटक से कटक तक अपने भाषण को स…
ग़ज़लें ~ प्रताप सोमवंशी प्रताप सोमवंशी को कुछ रोज़ पहले एक मुशायरे में सुना, उनकी ग़ज़लों के एक-एक शेर पर वाह निकलती रही, आप ख़ुद देखें... …
मुंबई की कथाकार सुमन सारस्वत का शिलांग में सम्मान मुंबई की जानीमानी कथाकार और वरिष्ठ पत्रकार सुमन सारस्वत को शिलांग, मेघालय में पूर्वोत्…
वर्तमान साहित्य साहित्य, कला और सोच की पत्रिका 'वर्तमान साहित्य' जून, 2015 - आवरण व अनुक्रमणिका आवरण के छायाकार दिलीप कुमार…
बाक़र गंज के सैयद १ ~ असग़र वजाहत जुस्तुजू जिसकी थी उसको तो न पाया हमने इस बहाने से मगर देख ली दुनिया हमने - …
वरुण की कवितायेँ - वरुण वरुण अज़ीम प्रेमजी विश्वविद्यालय में शिक्षा के छात्र हैं और यूथ फॉर इंडिया फ़ेलोशिप के तहत ग्रामविकास नाम की संस्…
सेक्स सिर्फ एक पहलू-भर है, संपूर्ण स्त्री विमर्श नहीं। पर आजकल लगता है कि स्त्री-विमर्श का मतलब सिर्फ सेक्स-भर ही है... मैं कभी किसी गुटब…