श्रीलाल शुक्ल स्मृति इफ्को साहित्य सम्मान २०२३ से सम्मानित कथाकार मधु कांकरिया की कहानियाँ इस पाठक को पसंद आती रही हैं लेकिन, 'घूमर', उनकी प…
बीते दिनों बाबा, गुलज़ार साहब हमारे शहर फ़ैज़ाबाद गए थे. बड़ा मन था वहाँ उस समय होने का, जा नहीं सका लेकिन, शहर की उभरती लेखिका कंचन जायसवाल ने अपने (…
Mahajani Sabhyata... Nand Chaturvedi on Premchand नैतिक प्रतिबद्धता होने के कारण ही प्रेमचंद का विरोध स्तर…
दामिनी यादव की इन तीन कविताओं में से पहली पर मेरी प्रतिक्रिया — लिव-इन के नाम क़त्ल होती लड़कियों के नाम... पढ़ी। सारे मर्मों को कोंच गई। दामिनी, बहु…
पहली ख़बर यह है कि प्रभात भाई ने उपन्यास पूरा कर लिया है। दूसरी यह कि उसका यह दिलचस्प अंश आप पाठकों के लिए, मेरे निवेदन पर उन्होंने मुहय्या किया है। …
जो आनंद पुरानी, अनदेखी, बेहतरीन फ़िल्म को देखने में आता है, वैसा ही धीरेन्द्र जी की 1974 में प्रकाशित पहली कहानी 'लोग/हाशिए पर' को पढ़ते हुए आ…
अगर गलती करने पर किसी को मारा जा सकता है तो यह बात हर बड़े-छोटे पर समान भाव से लागू होनी चाहिए। ~ मनोज पांडेय गर शब्द रंग हैं और कागज़ कैनवास तो मनोज …
रश्मि भारद्वाज और उनकी कविताओं को किसी परिचय, टिप्पणी आदि की ज़रूरत नहीं है इसलिए, उनका स्वागत करते हुए इतना कहूँगा कि ये नौ कविताएं, वर्तमान में माँ …
ममताजी जैसा मित्र तो, जैसा आप गीताश्री के संस्मरण में पढ़ेंगे, मेरा भी कोई दूजा नहीं है। ममताजी अगर कमाल हैं तो गीताश्री भी अब कमतर नहीं रहीं हैं! आज…